Akhuratha Sankashti Chaturthi 2024: अखुरथ संकष्टी चतुर्थी तिथि, शुभ मुहूर्त व पूजा विधि
Akhuratha Sankashti Chaturthi 2024 - पौष कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी कहते है। इस दिन गणेश जी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
Akhuratha Sankashti Chaturthi 2024: किसी भी शुभ कार्य को आरम्भ करने से पहले भगवान श्री गणेश जी की पूजा करना आवश्यक होता है। साल की सबसे अंतिम चतुर्थी तिथि को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार पौष मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी कहते है। इस दिन भगवान श्री गणेश की पूजा करने से भक्तों को सुख -शांति, धन-धान्य के साथ आरोग्यता का वरदान प्राप्त होता है। चलिए जानते है पौष कृष्ण पक्ष की अखुरथ संकष्टी चतुर्थी की तिथि के बारे में, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और गणेश भगवान के मंत्रो के बारे में।
दिसंबर 2024 कब है अखुरथ संकष्टी चतुर्थी? (Akhuratha Sankashti Chaturthi 2024 date)
पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरम्भ 18 दिसंबर 2024 को सुबह 10 बजकर 06 मिनट से होगा और अगले दिन दिसंबर 19 2024 को इसका समापन होगा। और इस दिन चन्द्रोदय का समय होगा रात्रि 08 बजकर 27 मिनट से।
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी 2024 का पंचांग
सूर्योदय: 07:08 AM
सूर्यास्त: 5:28 PM
चन्द्रोदय: 08:27 PM
चन्द्रास्त: 09:52 AM
वार: बुधवार
नक्षत्र: पुष्य
ब्रह्म मुहूर्त: 05:19 AM से 06:14 AM
राहुकाल: 12:18 PM से 01:35 PM
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठान चाहिए। तत्पश्चात स्नान करके साफ कपड़े पहनें। भगवान श्री गणेश का स्मरण करके व्रत का संकल्प ले। इसके बाद लकड़ी की चौकी में या जमीन पर लाल रंग का कपडा बिछाएं और गणेश भगवान की मूर्ति या प्रतिमा स्तापित करें। इसके बाद गंगा जल या साफ जल से आचमन करने के बाद फल-फूल, दूर्वा, माला, अक्षत, लाल सिन्दूर, मोदक या फिर बूंदी के लडू चढ़ाएं। उसके बाद दीपक प्रज्वलित करें और धुप जलाएं। इसके बाद गणेश चतुर्थी की कथा , गणेश भगवान के मंत्र पड़ें और गणेश भगवान की आरती करें।
Ganesh Chalisa: श्री गणेश चालीसा
गणेश भगवान के मंत्र
“ॐ गं गणपतये नमः”
“विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।
नागाननाथ श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥“
“ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा”
“वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥“
“गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्”
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी 2024 का महत्व
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश भगवान की पूजा के साथ चन्द्रदर्शन का भी विशेष महत्व है। इस दिन चद्रोदय के समय चंद्र को अर्घ जरूर देना चाइये। धार्मिक मान्यता है की इस दिन गणेश जी की पूजा करने से जातक के जीवन से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं। और गणेश भगवान सुख शांति और आरोग्यता का वरदान देतें है।