Top Ten Famous Sun Temples in India: भारत के दस प्रसिद्ध सूर्य मंदिर
Famous Sun Temples in India: यहाँ जानेंगे भारत के 10 प्रसिद्ध सूर्य देव के मंदिर। सूर्य देव को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है। और इनकी पूजा प्राचीन काल से ही होती हुयी आयी है।
Famous Sun Temples in India: सूर्य के बिना पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं है इसीलिए देवताओं में सूर्य देव से का स्थान सर्वोपरि है। सूर्य देव की पूजा प्राचीन काल से ही होती हुयी आयी है। सभी ग्रहों में सूर्य को राजा का स्थान दिया गया है। सूर्य ऊर्जा का प्रतीक हैं शरीर में उर्जा निर्माण तथा रोगों से लड़ने की शक्ति के लिये सूर्य को विशेष रुप से देखा जाता है। सूर्य आत्मकारक होने के कारण हृदय में निवास करते है। सूर्य देव की पूजा के लिए भारत में कही सूर्य मंदिर आज भी मौजूद हैं। भारत में जितने भी सूर्य मंदिर मौजूद है उनकी शानदार वास्तुकला बहुत ही अद्भुत है। लेकिन दुःख की बात है की जितने भी सूर्य मंदिर बचें हैं ये सब प्राचीन काल के हैं। और आज के समय में कोही भी नया सूर्य मंदिर बनते हुए नहीं दिखता और न ही बना है। अगर आपके घर के पास कोही सूर्य मंदिर हो तो आप कमेंट में बता सकते हैं। तो चलिए जानते है भारत के प्रमुख सूर्य मंदिरों के बारे में।
सूर्य देवता के प्रशिद्ध मंदिर (Famous Temples of Surya Dev)
1. कोणार्क का सूर्य मंदिर (Sun Temple of Konark)
कोणार्क सूर्य मंदिर ओडिशा राज्य के पूरी जिले में स्तिथि है। सन् 1984 में यूनेस्को ने इसको विश्व धरोहर स्थल की मान्यता दी और यह मंदिर भारत के साथ अजूबों में से एक है। मंदिर को बनाने का श्रेय गंग वंश के राजा नरसिंह देव को दिया जाता है। कोणार्क सूर्य मंदिर भारत में स्तिथि प्रसिद्ध सूर्य मंदिरो में से एक है। कोणार्क सूर्य मंदिर पूरी से 20 किलोमीटर और भुवनेश्वर से 64 किलोमीटर की दुरी पर है।
कोणार्क सूर्य मंदिर को सूर्य रथ का रूप दिया गया है जिसको साथ घोड़े खींच रहे हैं। यह मंदिर एक बड़े रथ और पत्थर के पहियों के आकर में बना है। सूर्योदय की प्रथम किरण मुख्य द्वार पर पड़ती है।
2. सूर्य मंदिर, गया (दक्षिणार्क सूर्य मंदिर) (Dakshinaarka Sun Temple)
दक्षिणार्क सूर्य मंदिर बिहार राज्य के गया में स्थित है। यह मंदिर प्राचीन सूर्य मंदिरों में से एक है जिसका उल्लेख वायु पुराण में मिलता है। मंदिर के सामने एक कुंड भी है जिसको सूर्य कुंड या दक्षिणा मानस तालाब नाम से जाना जाता है। इस कुंड में लोग अपने पूर्वजो के निमित तर्पण करते हैं। गया में इसके अलावा दो और सूर्य मंदिर स्तिथ हैं एक उत्तराका मंदिर जो उत्तरा मानस तालाब के पास स्थित है और गयादित्य मंदिर जो फल्गु नदी के तट पर स्थित है। इस से प्रतीत होता है की मगध क्षेत्र प्राचीन काल से ही सूर्य पूजा के लिए बहुत लोकप्रिय रहा है।
दक्षिणार्क सूर्य मंदिर में सूर्य देव की ग्रेनाइट की मूर्ति है और इसे ईरानी परंपरा में जैकेट, कमरबंद और ऊँचे जूते पहने हुए दिखाया गया है।
3. मोढेरा सूर्य मंदिर गुजरात (Modhera Sun Temple)
मोढेरा सूर्य मंदिर गुजरात के केंद्र में स्थित है। मोढेरा सूर्य मंदिर भारत के प्रमुख सूर्य मंदिरो में से एक है। जिसकी वास्तुशिल्पकला बहुत ही सुन्दर और मनमोहक है। यह सूर्य मंदिर मोढेरा शहर में पुष्पावती नदी के तट पर स्तिथ है।
मोढेरा सूर्य मंदिर का निर्माण सोलंकी वंश के राजा भीमदेव प्रथम के शासनकाल में 11वीं शताब्दी की शुरुआत में हुयी थी। इस मंदिर का निर्माण मारू-गुर्जर शैली में हुआ है। मंदिर की संरचना की बात करें तो इसके तीन स्तर है जिसमे सभा मंडप, गुडा मंडप (गर्भगृह) और कुंड है।
अगर आप मोढेरा सूर्य मंदिर जाना चाहते हो तो आप हमदाबाद और गांधीनगर जैसे प्रमुख शहरों से आसानी से पहुंच सकते हैं। सूर्य और गर्भगृह के बीच की अद्भुत संरेखण को देखने के लिए विषुव (21 मार्च और 23 सितंबर के आसपास) के दौरान यहाँ आना उचित है।
4. श्री सूर्य पहाड़ असम (Sri Surya Pahar Asam)
सूर्य पहाड़ सूर्य मंदिर असम राज्य के गोलपारा शहर के पास स्तिथ है। यह सूर्य देव का बहुत ही प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर परिसर में बारह भुजाओं वाले श्री हरी विष्णु की बहुत सारी मूर्तियां हैं। चट्टानों शिवलिंग और गणेश भगवान की आकर्तियाँ बनी हुयी हैं। यहाँ पर एक गोलाकार आकर्ति की चट्टान है जिसमे सूर्य देव की छवियाँ बनी हुयी है। गोलपुरा शहर दिसपुर से 157 किलोमीटर की दुरी पर स्तिथ है।
5. सूर्यनार कोइल मंदिर (Suriyanar Koil Temple)
सूर्यनार कोइल मंदिर तमिलनाडु के कुंभकोणम शहर के करीब सूर्यनार कोइल गांव में स्थित है। सूर्यनार मंदिर, सूर्य और उनकी पत्नियों उषादेवी और प्रत्यूषा देवी के अलावा, मंदिर में अन्य ग्रहों की भी पूजा की जाती है। यह मंदिर तमिलनाडु के नौ प्रसिद्ध नवग्रह मंदिरों में से एक है। कुंभकोणम शहर पांडिचेरी से 131 किलोमीटर की दूरी पर है।
6. सूर्यनारायण मंदिर, अरसावल्ली(Surya Narayana Temple, Arasavalli)
श्री सूर्य नारायण स्वामी मंदिर आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के अरासावली में स्थित है। यह मंदिर कोभारत के सबसे प्राचीन सूर्य मंदिरों में से एक है। इस भव्य सूर्य मंदिर का निर्माण कलिंग राजा ने करवाया था। वहीं पद्म पुराण के अनुसार, ऋषि कश्यप ने मानव जाति के कल्याण के लिए अरसावल्ली में सूर्य की मूर्ति स्थापित की थी।
7. ब्रह्मण्य देव मंदिर ऊना , मध्य प्रदेश (Bhramanya Dev Temple at Unao in Madhya Pradesh)
ऊना का सूर्य मंदिर जिसे बह्यन्य देव मन्दिर के नाम से जाना जाता है। ब्रह्मण्य देव मंदिर मध्य प्रदेश के झांसी शहर के नजदीक स्थित है। यह मंदिर प्राचीन सूर्य मंदिरों में से एक है। इस सूर्य मंदिर का निर्माण गुर्जर कुषांण वंशीय महाराजा धिराज श्रीमान कनिष्क के समय का है। इस सूर्य मंदिर को बने लगभग दो हजार वर्ष हो चुके हैं। इस मन्दिर में भगवान सूर्य की पत्थर की मूर्ति है जो एक चबूतरे पर स्थित है जिस पर काले धातु की परत चढी हुई है। साथ –ही-साथ 21 कलाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले सूर्य देव के 21 त्रिभुजाकार प्रतीक मंदिर पर अवलंबित है।
8. मार्तण्ड सूर्य मंदिर, जम्मू (Martand Sun temple, Jammu)
मार्तण्ड सूर्य मंदिर जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग शहर के पास स्थित है। सूर्य भगवान का एक नाम मार्तण्ड भी है। इस मंदिर को सिकंदर शाह मिरी ने नष्ट कर दिया था। कल्हण के अनुसार, मार्तण्ड सूर्य मंदिर का निर्माण ललितादित्य मुक्तपीठ ने आठवीं शताब्दी में करवाया था।
मार्तंड सूर्य मंदिर एक पठार के ऊपर बनाया गया था जहाँ से पूरी कश्मीर घाटी का नज़ारा बहुत अच्छे से देखा जा सकता है। खंडहरों और संबंधित पुरातात्विक खोजों से, यह कहा जा सकता है कि यह कश्मीरी वास्तुकला का एक उत्कृष्ट नमूना था, जिसमें गंधारन, गुप्त और चीनी वास्तुकला के रूपों का मिश्रण था।
9. सूर्य मंदिर, ग्वालियर (Sun Temple, Gwalior)
यह सूर्य मंदिर ग्वालियर शहर में स्तिथ है और इसका निर्माण वर्ष 1988 में भारत के प्रसिद्ध के प्रशिद्ध उद्योगपति जीडी बिड़ला द्वारा किया गया था। 19 जनवरी 1984 को इसकी आधारशिला रखी गयी थी तथा इसके निर्माण को पूरा होने में 4 साल 4 दिन लगे। 23 जनवरी 1988 को मंदिर का निर्माण पूरा हुआ। उड़ीसा के कोणार्क के पौराणिक सूर्य मंदिर की तर्ज पर निर्मित, ग्वालियर का सूर्य मंदिर लाल बलुआ पत्थर और मोती सफेद संगमरमर में उत्तम वास्तुकला का एक शानदार मिश्रण है।
10. सूर्य मंदिर, कटारमल, उत्तराखंड (Sun Temple, Katarmal, Uttarakhand)
कटारमल उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जिले के कुमाऊं मंडल में स्थित एक दूरस्थ गांव (Remote Village) है। कटारमल एक अपेक्षाकृत दुर्लभ सूर्य मंदिर है, जिसका निर्माण 9वीं शताब्दी ई. में कत्यूरी राजा कटारमल्ल द्वारा किया गया था। उस समय राजमिस्त्री पत्थरों को आपसे में जोड़ने के लिए दाल का पेस्ट बना कर उसका उपयोग करते थे। यहाँ पर सूर्य को बुरहादित या वृद्धादित्य कहा जाता है। मंदिर परिसर में शिव पार्वती, लक्ष्मी नारायण और कही अन्य देवताओं के मूर्तियां स्तापित है।