माघ विनायक चतुर्थी फरवरी 2024: शुभ मुहूर्त, पूजा विधि
इस साल माघ विनायक चतुर्थी (Magh Vinayak Chaturthi) मंगलवार १३ फरवरी २०२४ को मनाई जाएगी। जानिए माघ विनायक चतुर्थी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार महीने में दो चतुर्थी आती हैं। एक कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी जिसे संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है और दूसरी शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी जिसको विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।
विनायक चतुर्थी फरवरी 2024
विनायक चतुर्थी पर भगवान् श्री गणेश जी के भक्त व्रत रखते हैं और मंदिरों में जाकर गणपति जी की पूजा-अर्चना करते हैं. यह पवित्र दिन ज्ञान और समृद्धि के देवता श्री गणेश जी की पूजा करने उनका मार्गदर्शन प्राप्त करने और जीवन में विभिन्न बाधाओं को दूर करने के लिए समर्पित है।
हिंदुओं के बीच विनायक चतुर्थी का अपना धार्मिक महत्व है। इस शुभ दिन पर भक्त भगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना करते हैं। वे व्रत रखते हैं और आशीर्वाद लेने के लिए मंदिर जाते हैं। ।
विनायक चतुर्थी तिथि- फरवरी 2024
इस माह विनायक चतुर्थी व्रत 13 फरवरी 2024 को मनाया जायेगा
चतुर्थी तिथि प्रारंभ – 12 फरवरी 2024 – शाम 05:44 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त – 13 फरवरी 2024 – 02:41 अपराह्न
पूजा का समय – 13 फरवरी 2024 – सुबह 10:52 बजे से दोपहर 01:10 बजे तक
विनायक चतुर्थी फरवरी 2024: महत्व
विनायक चतुर्थी को हिन्दू धर्मं में बहुत पवित्र दिन माना जाता है. और भक्तों के लिए भगवान गणपति का आशीर्वाद पाने के लिए एक विशेष दिन है। भगवान गणेश को सभी बाधाओं को दूर करने वाले और बुद्धि और समृद्धि के देवता के रूप में जाना जाता है। यह दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है। भक्त व्रत रखते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। लोग भगवान गणपति का आशीर्वाद ग्रहण करते हैं । विघ्नहर्ता भगवान गणपति का दूसरा नाम है। यदि आपको ऐसा लगता है कि आपके जीवन में बहुत सारी समस्याएं चल रही है और कोई रास्ता नहीं मिल पा रहा है, तो आपको भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए और उनसे आशीर्वाद मांगना चाहिए।
विनायक चतुर्थी फरवरी 2024: पूजा विधि
1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
2. एक लकड़ी के तख्त पर भगवान गणेश की मूर्ति रखें।
3. गाय के घी का दीया जलाएं, माला और दूर्वा चढ़ाएं।
4. बूंदी के लड्डू का प्रसाद चढ़ाएं
5. विनायक कथा का पाठ करें और भगवान श्री गणेश जी के मंत्रो का जाप करें।
6. चंद्रमा को जल चढ़ाने के बाद अपना व्रत खोलें।
7. सात्विक भोजन करें – कुट्टू पूरी, आलू की सब्जी खाएं सेंधा नमक का उपयोग करें
गणेश भगवान मंत्र
1. ॐ गं गणपतये नमः!
2. ॐ वक्रतुंड महाकाये सूर्यकोटि समप्रभा निर्विघ्नं कुरुमाये देव सर्व कार्येषु सर्वदा..!!